School Prayers

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ASSEMBLY PRAYER

Father we thank thee for the night, and for the
pleasant morning light for rest and food and loving care,
and all that makes the world so fair, help us to
do the things we should to be to others king and good,
in all we don in all we say, to grow more loving every day.

PRAYERS

Where the mind is without fear,
and the head is held high where the knowledge is free
where the world had not been broken into fragments,
by narrow domestic walls where the words come out,
from the depth of truth Where tireless striving stretches its arms,
towards perfection were the clear steam of reason,
has not lost its way, into the dreary desert
sand of dead habit where the mind is led forward
by Thee into ever-widening thought and action,
into that heaven of freedom, My father, let my country awake.
Love is flowing

OUR PLEDGE

India is my country and all Indians are my brothers and sisters.
I love my country and I am proud of its rich and varied heritage
I shall always strive to be worthy of it. I shall respect my parents,
teachers & all elders and treat everyone with courtesy.
To my country and my people I pledge my devotion.
In their well-being and prosperity alone lies my happiness.

THE NATIONAL ANTHEM

Jana-Gana-mana-adhinayaka jaya he
Bhart – Bhagya – Vidhata
Punjab- Sindh- Gujrat- Maratha
Oravida- Utkala- Banga,
Vindhya- Himanchal- Yamuna- Ganga
Uchchhal- Jaladhi- Tiranga.
Tava Shubha name jage
Tava Shubha ashish mange
Bharat- Bhagya- Vidhata
Jaya he, jaya he, jaya he, jaya,
Jaya, jaya, jaya he

ऐ मालिक तेरे बन्दे हम

ऐ मालिक तेरे बन्दे हम ऐसे हो हमारे करम
नेकी पर चले और बदी से डरे
ताकि हॅसते हुये निकले दम
ऐ मालिक..........................

ये अन्धेरा घना सा छा रहा तेरा इन्सान घबरा रहा
हो रहा बेखबर कुछ न आता नजर
सुख का सूरज छिपा जा रहा
है तेरी रोशनी मे वो दम
तू अमावस को कर दे पूनम नेकी
ऐ मालिक........................

बड़ा कमजोर है आदमी
अभी लाखों है इसमे कमी
पर तू जो खड़ा है दयालू बड़ा
तेरी कृपा से धरती थमी
दिया तूने हमे जो जनम
तू ही झेलेगा हम सबके गम नेकी
ऐ मालिक.................................

जब जुल्मों का हो सामना
तब तू ही हमे थामना
वो बुराई करे हम भलाई करें
नहीं बदले की हो भावना
बढ़ चले प्यार का हर कदम
और मिटे बैर का ये भरम नेकी
ऐ मालिक......................

हे शारदे मा हे शारदे मा
अज्ञानता से हमे तार दे मा
हे शारदे मा हे शारदे मा

तू स्वर की देवी ये संगीत तुझसे
हर शब्द तेरा है हर गीत तुझसे
हम है, अकेले हम है अधूरे
तेरी शरण हम, हमे तार दे मा
हे शारदे मा हे शारदे मा

ऋषियो ने समझी गुनियो ने जानी
वेदो की भाषा पुरानों की बानी
हम है अकेले हम है अधूरे
विघा का हमको अधिकार दे मा
हे शारदे मा हे शारदे मा

तू श्वेत वर्णी कमल पे विराजे
हाथो मे वीणा मुकुट सर पे साजे
मन से हमारे मिटा दे अन्धेरे
हमको उजालो का संसार दे मा
हे शारदे मा शारदे मा

प्रार्थना

हे शारदे मा हे शारदे मा
अज्ञानता से हमे तार दे मा
हे शारदे मा हे शारदे मा

तू स्वर की देवी ये संगीत तुझसे
हर शब्द तेरा है हर गीत तुझसे
हम है, अकेले हम है अधूरे
तेरी शरण हम, हमे तार दे मा
हे शारदे मा हे शारदे मा

ऋषियो ने समझी गुनियो ने जानी
वेदो की भाषा पुरानों की बानी
हम है अकेले हम है अधूरे
विघा का हमको अधिकार दे मा
हे शारदे मा हे शारदे मा

तू श्वेत वर्णी कमल पे विराजे
हाथो मे वीणा मुकुट सर पे साजे
मन से हमारे मिटा दे अन्धेरे
हमको उजालो का संसार दे मा
हे शारदे मा शारदे मा

भजन

तू ही राम है तू ही रहीम है
तू करीम कृष्ण खुदा हुआ
तू ही वाहे गुरू तू यीशु मसीह
हर नाम मे तू रमा हुआ।

तेरी जात पाक कुरान मे
तेरा दर्श वेद पुराण मे
गुरू ग्रन्ाि जी के बखान मे
तू प्रकाश अपना दिखा रहा

अरदास है कहीं कीर्तन
कहीं राम धुन कही आहवान
विधि वेद का है ये सब रचन
तेरा भक्त तुझको बुला रहा।

देशभक्ति गीत

सारे जहा से अच्छा हिन्दोस्तां हमारा।
हम बुलबुले है इसकी ये गुलिस्ता हमारा।

पर्वत वो सबसे ऊॅचा हमसाया आसमां का।
वो सन्तरी हमारा वो पासबां हमारा।।

गोदी मे खेलती है जिसकी हजारो नदिया।
गुलशन है जिसके दम से रश्क-ए-जिनां हमारा।।

मजहब नही सिखाता आपस मे बैर रखना
हिन्दी है हम वतन है हिन्दोस्तां हमारा।।

सारे जहा से अच्छा हिन्दोस्तां हमारा।
हम बुलबुले है इसकी ये गुलिस्ता हमारा।

राष्ट्रीय गीत

वन्दे मातरम्। वन्दे मातरम्।
सुजलाम् सुफलाम् मलयज- शीतलाम्।
शस्य-श्यामलाम् मातरम्।
वन्दे मातरम्।

शुभ्र-ज्योज्सना-पुलकित-यामिनीम्।
फुल्लकुसुमित-द्रुमदल- शोभिनीम्।।
सुहासिनीम् सुमधुर- भाषिणीम्।।
सुखदाम् वरदाम् मातरम्।।
वन्दे मातरम। वन्दे मातरम।।

गीत: हर देश मे तू

हर देश मे तू हर वेश मे तू तेरे नाम अनेक तू एक ही है।
तेरी रंग भूमि यह विश्वधरा हर खेल मे मेल मे तू ही तू है।
हर देश मे तू.........................................

सागर से उठा बादल बनके बादल से गिरा जल हो कर के
फिर नहर बनी नदियां गहरी तेरे भिन्न प्रकार तू एक ही है।
हर देश मे तू.........................................

चींटी से भी लघु परमाणु बना सब जीव जगत का रूप लिया।
फिर पर्वत वृक्ष विशाल बना सौन्दर्य तेरा तू एक ही है।
हर देश मे तू.........................................

यह दिव्य दिखाया है जिसने वह है गुरूदेव की पूर्ण कृपा।
‘टुकडिया’ कहे और न कोई दिखा, बस मै और तू सब ही है।
हर देश मे तू.........................................

गीत: हमको मन की शक्ति देना

हमको मन की शक्ति देना, मन विजय करें।
दूसरो की जय से पहले, खुद की जय करें।

भेदभाव अपने दिल से, साफ कर सकें
छूसरों से भूल हो तो माफ कर सकें

झूठ से बचे रहें, सच का दम भरें
दूसरो की जय से पहले, खुद की जय करें।

मुश्किलें पडे तो हम पर इतना कर्म कर,
साथ दे ंतो धर्म का, चलें तो धर्म पर,
खुद से हौसला रहे, बदी से ना डरें
दूसरो की जय से पहले, खुद की जय करें।

हमको मन की श्क्ति देना, मल विजय करें
दूसरो की विजय से पहले, खुद की जय करें।